प्रमुख नियम एवं सिद्धान्त Science ke niyam

प्रमुख नियम एवं सिद्धान्त SCIENCE KE NIYAM

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SCIENCE KE NIYAM
 

ओम का नियम 
यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थायें अपरिवर्तित रहें तो उसके सिरों पर लगाए गए विभवांतर तथा उसमें प्रवाहित विद्युधारा की निष्पत्ति नियत रहती है।


ऊष्मा गतिकी के नियम

प्रथम नियम- एक यांत्रिक क्रिया में उत्पन्न किए गए कार्य के समानुपाती
होता है। ऊष्मा गतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण को दर्शाता है।

द्वितीय नियम - इस नियम के अनुसार उपलब्ध ऊष्मा के सम्पूर्ण भाग को यांत्रिक कार्य में बदलना संभव नहीं है, परन्तु इसके एक निश्चित भाग को कार्य में बदला जा सकता है अर्थात् ऊष्मा अपने आप निम्न ताप की वस्तु से उच्च ताप की वस्तु की ओर प्रवाहित नहीं हो सकती।


ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत
ऊर्जा का न तो निर्माण होता है न विनाश अर्थात् कोई भी पिण्ड की कुल ऊर्जा हमेशा नियत होती है इसका केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तर होता है।


बरनौली प्रमेय
जब कोई असम्पीड्य और अश्यान द्रव अर्थात् आदर्श द्रव किसी नली में धारा रेखीय प्रवाह में बहता है तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर इसके एकांक आयतन या एकांक द्रव्यमान की कुल ऊर्जा नियत रहती है।


केप्लर का ग्रहीय गति के नियम
सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों का पथ दीर्घवृत्तीय या अंडाकार होता है।


रदरफोर्ड का नाभिकीय सिद्धांत
इस सिद्धांत के अनुसार परमाणु के अंदर का अधिकांश भाग खाली होता है तथा परमाणु गोलीय होता है और नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में अत्यंत छोटा होता है।


दाब का नियम
स्थिर आयतन पर किसी गैर के निश्चित द्रव्यमान का दाब उसके परम ताप का अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात् स्थिर आयतन पर यदि किसी गैस का ताप बढ़ाया जाए, तो दाब बढ़ता है और यदि ताप घटाया जाए, तो दाब घटता है।


मैडलीफ का आर्वत नियम
यदि तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भारों के क्रम में सजाया जाए तो उनकी एक निश्चित संख्या के बाद लगभग समान गुण वाले तत्व पाये जायेंगे।


आधुनिक आर्वत नियम
तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनकी परमाणु संख्या के आवर्त फलन होते हैं।


कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम
समान आवेश परस्पर प्रतिकर्षित व असमान आवेश आकर्षित होते हैं दो आवेशों के बीच क्रियाशील आकर्षण तथा प्रतिकर्षण का बल उनके गुणनफल के समानुपाती एवं उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।




न्यूटन का शीलतन नियम
किसी वस्तु के शीतलन की दर उस वस्तु के औसत ताप तथा समीपवर्ती वातावरण के ताप के अन्दर के अनुक्रमानुपाती होती है,जबकि तापमान का अंतर कम हो|



जूल थॉमसन प्रभाव
किसी गैस के प्रभाव को किसी दबाव के अन्दर किसी छिद्रयुक्त माध्यम में मुक्त रूप से फैलने दिया जाए तो गैस के तापमान में अन्तर जूल थॉमसन प्रभाव कहलाता है। यह प्रभाव शीतलन में प्रयुक्त होता है।



डॉप्लर का नियम
यदि ध्वनि स्त्रोत तथा स्त्रोता के मध्य सापेक्ष गति हो रही हो तो श्रोता को स्त्रोत की आवृत्ति बदली हुई प्रतीत होती है। इस घटना को डॉप्लर प्रभाव या डॉप्लर का नियम कहते हैं।



पास्कल का नियम
संतुलन में द्रव का दबाव चारों तरफ बराबर होता है।




हुक का नियम
प्रत्यास्था सीमा के अन्दर प्रतिबल सदैव विकृति के समानुपाती होता है।



आर्कमिडीज़ का सिद्धांत
किसी द्रव में डुबे किसी ठोस पर लगा उत्क्षेप, ठोस द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है।



बॉयल का नियम
किसी निश्चित तापक्रम पर किसी गैस को दी गई मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।



न्यूटन की गति के नियम

प्रथम नियम - कोई वस्तु तब तक अपनी गति अथवा विरामावस्था में होती है जब तक कि उस पर कोई बाह्म बल न आरोपित किया जाए।

द्वित्तीय नियम - संवेग में परिवर्तन की दर आरोपित बल के समानुपाती होती है एवं परिवर्तन उसी दिशा में होता है, जिस दिशा में बल आरोपित किया जाता है अर्थात् F= ma

तृतीय नियम - प्रत्येक क्रिया के विपरीत और बराबर प्रतिक्रिया होती है।



संवेग संरक्षण का नियम
जब दो या दो से अधिक वस्तुएँ एक-दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करती हैं एवं कोई भी बाह्य बल नहीं लग रहा है तो उनका कुल संवेग सर्वदा संरक्षित रहता है। उदाहरण - रॉकेट की उड़ान।



न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम
किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्य करने वाले बल का परिणाम, पिण्डों के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।



चार्ल्स का नियम
दाब नियत हो तो, गैस का आयतन परम तापक्रम का समानुपाती होता है।


गैसों का गतिज सिद्धांत
यदि किसी गैस को घनाकार बर्तन में रखा जाए तो गैसों का दाब गैस के द्वारा उत्पन्न दाब के बराबर होता है जो गैस द्वारा बर्तन की दीवार की इकाई क्षेत्रफल पर इकाई सेकण्ड में उत्पन्न की जाती है।


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